Holi Essay in Hindi – रंगों का त्‍योहार होली पर हिन्दी मे निबंध

Holi Par Nibandh: (Holi Essay in Hindi) होली कैसे मनाते है?होली एक ऐसा त्यौहार है जिसका एक अलग ही अंदाज होता है। हर त्योहार व्यक्ति के जीवन शैली का अटूट हिस्सा होता है। होली का त्योहार हमारे देख भारत का एक प्रमुख त्योहार है। तथा यह हमारे समाज और अपनेपन के बीच एकता का प्रतीक है। होली बडे हर्शोल्लास के साथ मनाया जाता है। इस पर्व मे हम अपने आपसी प्रेम और भाव मे हुई खटास को भुलाकर आपस मे गले लगकर इस पर्व को आनंद के साथ मनाते है।

इस लेख के जरिए होली निबंध हिन्दी (Holi Essay in Hindi) (Holi Par Nibandh) मे इस त्योहार के महत्वपूर्ण पहलुओ पर विशेष तरीके से फोकस किया गया है। मै आशा करता हू कि यह (Essay on Holi in Hindi) हर उस व्यक्ति के लिए उपयोगी सिद्ध होगा जो होली से सम्बंधित हर पहलुओ को जानने की इच्छा रखते है। मुझे आशा ही नही अपितु पूर्व रूप से विश्वास है कि आप लोगो को यह Holi Par Nibandh बहुत अच्छा लगेगा।

होली पर निबंध प्रस्तावना – Introduction of Holi Essay in Hindi

होली हिंदुओ का एक प्रमुख त्योहार है। इसका बहुत महत्व हैI हम लोग जब बचपन मे विद्यार्थी थे। तो अक्सर (Holi Pa Nibandh 100 Word in Hind), (Holi Essay in Hindi 200 Word) (Holi Par Hindi me Nibandh) आदि लिखने के बारे मे आता था। होली के त्योहार को “रंगो का त्योहार” या रंग वाली होली भी कहा जाता है। हिंदुओ का सबसे प्रमुख त्योहार है । यह त्योहार दो दिनो का होता है। पहले दिन होलिका दहन किया जाता है तथा दूसरे दिन रंग वाली होली का आयोजन किया जिसमे लोग रंग, अबीर व गुलाल से होली खेलते है। होली का आयोजन प्रत्येक वर्ष फाल्गुन मास मे किया जाता है।

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होली निबंध 100 शब्द मे

होली हिंदुओ के प्रमुख त्यौहारो मे से एक है।यह हर साल फाल्गुन मास के महीने मे मनाया जाता है। होली का मुख्य उद्देश्य बुराई पर अच्छाई की जीत हैI होली का त्योहार दो दिनो मे मनाया जाता है। पहले दिन होलिका दहन तथा दूसरे दिन रंग वाली होली खेली जाती है।

Essay on Holi in Hindi

होली एक पवित्र धर्म से जुडा हुआ पर्व है। जोकि भारत ही नही अपितु कई देशो मे भी इसका आयोजन बडी उत्सुकता के साथ किया जाता है।

होली का महत्व क्या है?

होली का महत्व हमारे हिन्दी संस्कृति मे बहुत है । इस पर्व के लिए लोग सालो तक इंतज़ार करते है ।यह पर्व प्रेम और भाईचारे का प्रतीक है।

हिंदु पौराणिक कथा के अनुसार हिरण्यकशिपु नामक राक्षस था । जो भगवान विष्णु से बहुत जलता था । हिरण्यकशिपु के एक पुत्र था I जिसका नाम प्रहलाद था वो भगवान विष्णु के बहुत बडे भक्त थे । लेकिन हिरण्यकशिपु प्रहलाद के इस भक्ति से बहुत परेशान था । उसने बहुत समझाया और प्रहलाद को कई बार दंडित भी किया कि भगवान विष्णु की भक्ति का त्याग कर दो पर भक्त प्रहलाद नही माने और निरंतर उन्होने प्रभु की साधना जारी रखी । हिरण्यकशिपु इन सबसे बहुत परेशान हो गया एक दिन उसने अपनी बहन होलिका को बुलाया तथा प्रहलाद को अग्नि मे लेकर बैठ जाने को कहा क्योकि होलिका को वरदान था । कि वह आग से कभी नही जल सकती हिरण्यकशिपु के आदेश से होलिका प्रहलाद को लेकर अग्नि मे प्रवेश हुई पर होलिका जल गई और प्रहलाद को कुछ नही हुआ। तब से होलिका को लोग जलाते है और उसमे से प्रहलाद को बाहर निकाल लेते है । गावों मे आज भी यह प्रथा है लोग एक वृक्ष की टहनी को लगाते है । अग्नि जलते समय उसको खीचकर बाहर निकल लेते है। उनका मानना है कि यह प्रहलाद है।

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(Holi Essays in Hindi) होली कैसे मनाते है?

इस दिन लोग सुबह उठकर रंगो वाली होली का आयोजन बडी धूमधाम के साथ करते है । लोग नगडो, बाजो पर सुंदर नृत्य भी करते है । होली के रंग एक दूसरे के उपर फेकते है । घरो मे अच्छी मिठाईया एवं पकवान बनाये जाते है । होली के दिन लोग अपने लोगो को Holi Wishes in Hindi भी भेज ते है । गावो मे लोग होली के दिन खूब नाचते गाते है । तथा विभिन्न प्रकार के पकवान का सेवन करते है ।

होली के दिन बचाव

होली के दिन खासकर आपको खतरनाक रंगो से बचा के रख्नना है । सावधानी पूर्वक रंग का आदान प्रदान एक दूसरे के ऊपर करें । क्योकि रंगो का गलत प्रयोग आपके त्वचा एवं आंखो पर दुश्प्रभाव डाल सकता है । अत: रंगो का उपयोग सावधानी के साथ करें ।

होली से जुडी कुछ कुप्रथा

होली एक सामाजिक पर्व है । जो हमे सामाजिकता, एकता और भाईचारे का बोध कराता है । कभी भी कोई धार्मिक आयोजन समाज मे प्रतिबंधित चीज़ो के सेवन हेतु अपने स्वीकृति प्रदान नही परंतु आज के परिवेश के लोग इस दिन मादक चीज़ो का सेवन करके लोगो से बवाल करते है । और समाज मे एक गलत संदेश देने की कोशिश करते है | आप लोग पवित्रता के साथ होली का आनंद उठाये । इतना महत्वपूर्ण पर्व है कि हर कोई जानना चाहता है कि होली कब है (Hol। Kab Hai)?